“Kaun kambakht bardaasht karne ke liye peeta hai”
बहुत नटखट थी …सुबह होते ही खिड़की से झाँकती थी .रोज़ नींद से…
सबसे पहले ज्ञानीजनों के मोटे-मोटे कोटेशन्स सोशल मीडिया पर चिपकाएँ! उसके बाद जिन्हें हम न शुद्ध हवा दे सकते हैं न पानी, न…
अख़बार के तीसरे पन्ने की खबर है — एक सोलह वर्ष के किशोर ने सात वर्ष के बच्चे की हत्या सिर्फ़ इसलिए कर दी कि आगामी पी टी…
चंद रोज पहले की बात है
यह तो होना ही था,
सितम्बर, 1942 की एक शाम का वाक़या (घटना) था. शेख कुर्बान अली ने अपनी हवेली में कोतवाल हरकिशन लाल की बड़ी आवभगत की और उनको विदा करते वक़्त उनकी जेब में चुपके से एक थैली भी सरका दी. शेख साहब की हवेली से वैसे भी कोई सरकारी मुलाज़िम (कर्मचारी) कभी खाली हाथ नहीं जाता था पर आज कुछ ख़ास ही बात थी. कोतवाल साहब की रुखसती (विदाई)…
कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद की जयन्ती हर साल 31 जुलाई को मनाई जाती है. इस दिन उनकी जन्मभूमि लमही में उनके टूटे-फूटे स्मारक में एक…
शास्त्रानुसार, समुद्रमंथन में अमृत के साथ हलाहल निकला, इन दोनों के गुणों (और अवगुणों) वाली एक और चीज़ भी निकली, जिसके बारे शास्त्र चुप्पी साध लेते है, क्योंकि यह चीज़ देवों और दानवों के पहुँच के बाहर, दण्डकारण्य के पुण्यनगरी में काष्ठसेतु के समीप स्थित एक ऋषिकुल ने इसकी विधि संचित निधि की तरह इस अर्वाचीन काल तक…
French philosopher Sartre said, ‘Man Is Condemned To Be Free’. It is not very difficult to guess that freedom — which is a good thing to have and in fact it is so desirable that the modern civilized world has to ensure it to every human being by a written constitution —…
यह कैसे संभव है कि हम आज के लेखन में बोलचाल के उन शब्दों का प्रयोग न करें जो इंग्लिश के हैं या कोई और विदेशी भाषाओं के ? सिर्फ़ इसलिए कि अभी उसपर आधिकारिक सहमति नहीं बनी है और उन्हें हमारे शब्दकोष में मान्यता प्राप्त नहीं है । मेरे विचार से ऐसा उचित नहीं है और प्रासंगिक भी नहीं।…