माँ दुर्गा अर्पण

Munindra (Munnan) Misra
Sanatan Dharma
Published in
1 min readJul 16, 2015

* Navdurga * Durga Arpan * Devi Mahatmayam * Other Works * Books * श्रीगणेश अर्पण * अर्पण *


माँ दुर्गा अवतरित हुईं — ब्रह्मांड शक्ति।
माँ दुर्गा हैं बहु-आयामी परम शक्ति॥

देवों में निहित शक्तियों की परिणति।
निर्माण, संरक्षण, विनाश के पीछे शक्ति॥

अजेय माँ दुर्गा — बुराई, पीड़ा नष्ट करतीं।
क्रोध, लोभ, वासना, अहंकार, अभिमान मिटातीं॥

उनके शत्रु नाश होते बढ़ती शक्ति।
सत्ता, संपत्ति, आत्म-महत्वता, खुशी॥

ब्रह्मा, विष्णु, शिव बनाये दुर्गा शक्ति।
पूर्ण दुर्गा — काली, लक्ष्मी, सरस्वती॥

महाकाली तामसिक से दिलाये मुक्ति।
राजसिक से मुक्ति दिलाये महालक्ष्मी॥

सात्विक से मुक्ति दिलाये महासरस्वती।
महिसासुर वध लिए दुर्गा उत्पन्न हुयीं॥

महिसासुर हर क्षण हर व्यक्ति में विराजें।
जो ज्ञान, शक्ति से व्यक्ति भ्रमित होजाये॥

सांसारिक बुराइयों से भक्तों की रक्षा करें।
और एक ही क्षण में उनके सब दुख हर लें॥
१०
तामसिक राजसिक सात्विक सब छोड़।
मोक्ष मिले — यही जीवन का अंतिम मोड़॥
११
माँ दुर्गा चरण कमलों मे।
अर्पित मुनीन्द्र पुष्प श्रद्धा के॥
॥ॐ॥

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Munindra (Munnan) Misra
Sanatan Dharma

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