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My heart has the algorithm to write the poetry of my life </>
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अर्धांगिनी हो तुम
अर्धांगिनी हो तुम
जो सागर में उठती लहरों की तीव्र गति हो तुम l …
Satya Prakash Sharma
Jan 4, 2023
कोरोना की लहर
कोरोना की लहर
कोरोना की इस लहर ने सब कुछ दिखा दिया l
Satya Prakash Sharma
May 10, 2021
लड़का हूँ ना
लड़का हूँ ना
कभी भाई के किरदार मे बहन की
Satya Prakash Sharma
Sep 6, 2020
मैडम की स्कूटी
मैडम की स्कूटी
किसी चौराहे का सीन था मैडम की पिंक स्कूटी निकली जब कोई और ही सिग्नल ग्रीन था।
Satya Prakash Sharma
Nov 6, 2019
रोजगार की कश्मकश
रोजगार की कश्मकश
एक ओर नौकरी के साक्षात्कार तो दूसरी ओर व्यापार की रफ़्तार । एक ओर मैनेजर का दबाव तो दूसरी ओर बाज़ार के उतार चढाव ।
Satya Prakash Sharma
Aug 21, 2019
वो ट्रेन वाली लड़की
वो ट्रेन वाली लड़की
ट्रेन का वो सफर यादगार था। जिसमे हुआ वो एकतरफा प्यार था। पहली नज़र में ही वो भा गयी। और वो मेरे दिल के करीब आ गयी।
Satya Prakash Sharma
Feb 24, 2019
कॉलेज के दिन
कॉलेज के दिन
दोस्ती का रिश्ता भी काफी अजीब होता है। यह तोहफा तो सबको नसीब होता है। जिससे सबसे ज्यादा लड़ाई करें अक्सर वही दिल के सबसे करीब होता है।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
वो पिता ही होता है
वो पिता ही होता है
वो कभी हारता भी है तो तुम्हे जीत दिलाने के लिए। वो खुद पर कम खर्च करता भी है तो तुम्हे अमीर बनाने के लिए। वो कभी सोच में पड़ता भी है…
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
ख्याल किया करो
ख्याल किया करो
तेरे आंचल की छाँव है महलों से भी अच्छी। तेरी बातों में ज्ञान है गीता से भी अच्छे।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
मैं संस्कार हूँ
मैं संस्कार हूँ
मैं किसी अज्ञानी के पास ज्यादा हूँ। तो किसी ज्ञानी के पास कम भी हूँ। मै घमंण्ड से काफी दूर हूँ। तो शालीनता के काफी निकट भी हूँ।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
बचपन साथ नहीं है
बचपन साथ नहीं है
वो बचपन मुझे आज भी याद है जिसका अक्स भी अब ना साथ है ।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
नकाब देखा है
नकाब देखा है
सरकारी नौकरों में रिश्वत का ख्वाब देखा है। गरीब के घर में भी ईमानदारी का ख़िताब देखा है।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
अंतर जो काफी है
अंतर जो काफी है
तू कहाँ सर्दी की चाय सी मैं कहाँ सर्दी के पानी सा।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
तिरंगे की कल्पना
तिरंगे की कल्पना
रंग बताऊँ तुमको अपना तो ना हरा और ना ही भगवा। इनको खुद मे जोड़ के देखो तो बनता है तिरंगा अपना।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
तेरा कर्ज़दार रहूँगा
तेरा कर्ज़दार रहूँगा
तेरे एहसानों को गिनने बैठा तो किसी गणित में इतनी गिनती ना आयी। तेरे प्यार को तोलने बैठा तो किसी तराजू में यह सिमट ना पायी।
Satya Prakash Sharma
Feb 16, 2019
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