अल्फाज़ो को ढूंढ लिया, लेकिन उसे नहीं,अंजाने शख्स को पढ़ लिया, लेकिन उसे नहीं।
चहकती थी रोज़ घर में जैसे ये चिड़िया,जाना है इसे उड़ कर आज पार एक दरिया,हमारी दोस्त आज परायी होने जा…
दिन ढल जाए तो तुम कहना, रात सजाऊँगी मैं,चाँद, सितारे, जुगनू सब को बुलाऊँगी मैं.