तुम्हारी याद हर रोज़ बे पहर आती है,ना देखे सुबह शाम दोपहर, कभी भी आती है.
कभी — कभी मैं सोचती थी मैं कौन हूँ, मेरा क्या अस्तित्व है। ये विचार आते में उदास हो जाती थी। एक दिन मेरे अन्दर से किसी ने जोर से मेरे…
थोड़ा ख़ुद के लिए मुस्कुराया जाये,जलते हुए लोगों को और जलाया जाए।